तुम आओगी क्या इस बार...........।

आखिरी मुलाकात में कुछ बोला नही तुमसे,
जो कहना था वो भी कहाँ कहा मैने तुमसे,
तुम्हारी बाते सब सुनी मैने
अब तुम भी सुनोगी क्या,
एक बार मिलना है तुमसे ,
तुम आओगी क्या ............?

वो स्कूल टाइम था
गलती सबसे होती है।
नादानी तो बचपन में हुई,
अब तो तुमसे महोब्बत होती है
अब गलती को सुधारना है मैने
खोमोशी को लफ्जो में बया करना है
एक बार मिलना है तुमसे
तुम आओगी क्या ...........?

तुम्हे याद करना अच्छा लगता है
तुम्हारी बात करना अच्छा लगता है
तुमसे मिलने के साथ आज कल
तुममे खोना अच्छा लगता है
येही बात बतानी है तुमको
एक बार मिलना है तुमसे
तुम आओगी क्या ...........?

वक्त आज कल कहाँ जाता है
पता नही चलता
लिखता हु बस तुमपे
लेकिन कोई शब्द ही नही मिलता
सोचता हु क्या लिखु तुमपे
जो पढ़ लो तुम,
कुछ लिखा है मैने सुनाना है तुमको,
एक बार मिलना तुमसे
तुम आओगी क्या  ............?

हकीकत में तो बरसो से नही मिला
ख्वाबो में तो मिला हु बार - बार
सफर मेरा खत्म हो
उससे पहले मिल लेना एक बार
तस्वीर में कब तब दीदार करु तुम्हारा
कभी सामने भी आ जाओ एक बार।
मेरी तकलीफो को छोड़ो
तुम कुछ बताना इस बार
एक बार मिलना है तुमसे
तुम आओगी क्या इस बार...........।





"एक दफा सोचना,
मै सिर्फ तुमपे लिखता हुँ,
मुसाफिर हुँ, फिर भी
मंजिल तुमपे देखता हुँ.......।।

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