वो सर्वोदय था.....।


घर से ज्यादा समय तो मै वहाँ रहता था,
दोस्त, टीचर और वो ग्राउण्ड
हमेशा मेरे साथ रहता था।
हमेशा तो नही रहा,
पर ज्यादातर मै क्लास के बाहर रहता था।
Principal sir का डण्डा अब भी याद है,
जिससे भागने पर मार खाया करता था।
वो सर्वोदय था.....।

टीचर्स के अलग अलग नाम बनाना
शौक नही एक रिवाज था।
ठाकुर दा के समोसे,
रमू चाचा की चाऊमिन,
और ग्राउण्ड के वो इकलौते पेंड के नीचे,
बैठना भी लाजमी था।
गर्मीयो में अन्दर, सर्दीयो में बाहर
बैठना भी लाजमी था।
वो सर्वोदय था......।

पाण्डे सर का गणित,
सिजवाली सर की Chemistry,
Physics के लिए रिंकु मैम का इन्तजार
भी लाजमी था।
हरीश सर की biology,
सुरेश सर की संस्कृत,
तो फिर चम्पा मैम की,
Art पढना भी लाजमी था।
वो सर्वोदय था.......।

वर्मा सर ने पढाया Disaster,
Shivraj सर ने पढाया English,
तो नयाल सर की हिन्दी पढना लाजमी था।
PTI sir का किक्रेट
तो फिर से मेरा
घर को भागना लाजमी था।
हरीश सर जो principal थे,
हमने उनक़ो फिर भी chemistry chemistry ही बुलाना था।
वो सर्वोदय था......।
जहाँ हुआ करती थी हर पल मौज,
वो मेरा स्कूल सर्वोदय था.....।।



https://www.yourquote.in/lucky-kunjwal-lcui/quotes




Comments

Popular posts from this blog

वो पहला School और वो Teachers...

First Story of my School Life..................||

आओ फिर से शुरू करते हैं.............