मजदूर माँ...............|
गोद में बालक उसका, सिर में मजबूरी थी,
वो सिर्फ माँ ही नही, देश कि एक नारी थी।
दूध से पेट नही भरता तेरा, भोजन तुझे कराना है,
इसीलिए बेटा तेरी माँ को ये बोझ उठाना है।
भूखा अपना पेट रखकर, खाना तुझे खिलाती है,
वो तो सिर्फ माँ है यारो,जो मजदूर कहलाती है।
दिनभर थक हारकर, घर जब वो जाती है,
खुद के नंगे पांवो से, तुझको चलना सिखाती है।
दुनिया कि तकलीफो से तुझको ये लड़ना सिखाती है,
तभी तो ये मजदूर, तेरी
माँ कहलाती है.......।।
https://www.yourquote.in/lucky-kunjwal-lcui/quotes
वो सिर्फ माँ ही नही, देश कि एक नारी थी।
दूध से पेट नही भरता तेरा, भोजन तुझे कराना है,
इसीलिए बेटा तेरी माँ को ये बोझ उठाना है।
भूखा अपना पेट रखकर, खाना तुझे खिलाती है,
वो तो सिर्फ माँ है यारो,जो मजदूर कहलाती है।
दिनभर थक हारकर, घर जब वो जाती है,
खुद के नंगे पांवो से, तुझको चलना सिखाती है।
दुनिया कि तकलीफो से तुझको ये लड़ना सिखाती है,
तभी तो ये मजदूर, तेरी
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ReplyDeletebahut khub bhai
ReplyDeleteThanku bhai......
DeleteI always Love to read uh bhai
ReplyDelete..
Thanku bhai....
DeleteWaooo osm 👌👌❤️❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteThanku so much.........
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