आओ फिर से शुरू करते है......... सब कुछ खत्म हो, उससे पहले मिलते हैं, अधूरी इस कहानी को, चलो आज पूरा करते हैं, कुछ सवाल तो जरुर होगें मन में तेरे, आख़िरी मुलाकात में उन्हें भी पढ़ते हैं। आओ फिर से शुरू करते हैं।। इस बार कुछ नया करते हैं, तुम बदल जाओ, हम इंतजार करते हैं मोहब्बत में कुछ खास नहीं मैं, इस बार क्यों ना दोस्ती से शुरुआत करते है। आओ फिर से शुरू करते हैं।। इस बार दगा तुम देना धोखेबाजी इस बार थोड़ा हम करते हैं, खो देना इस बार तुम मुझे हम अब भी तुमसे ही प्यार करते हैं। आओ फिर से शुरू करते हैं।।
ये कहानी उत्तराखंड के छोटे से जिले के छोटी सी तहसील जैंती में शुरू हुई, दरअसल जिस समय मैं पहली बार जैंती गया था, उस वक्त यहां कोई तहसील नहीं थी, बाजार कहने को कुछ छोटी-छोटी दुकानें और एक छोटा सा स्टेशन था, जहां सिर्फ एक "थान सिंह जी" की गाड़ी खड़ी रहती थी, यह एक मात्र साधन था जो जैंती को हल्द्वानी शहर और हल्द्वानी शहर को जैंती से जोड़ता था। जैंती कस्बे का विकास 2002-2003 से ही होना शुरू हुआ था, कुछ लोग बताते हैं कुछ समय पहले तक मोटर मार्ग सुविधा भी उपलब्ध नहीं थी यहां। शायद हम पहले ऐसे शख्स थे जो गांव से शहर ना जाकर शहर से गांव आते थे। मैं और मेरे दो भाई (सोनू और अजय), हम 2002 में हल्द्वानी से अपने गांव (कुन्ज) आये। और अब आगे की पढ़ाई हमें यही करनी थी, कुन्ज गांव में एक प्राथमिक स्कूल था, जहां मात्र एक अध्यापिका "मुन्नी मैम" थी। लेकिन हमने कुन्ज से 3-4 किमी दूर जैंती के पावनेश्वर बाल विद्या मंदिर स्कूल में प्रवेश लिया, मैंने कक्षा 4 से 8 तक की शिक्षा यही से ली, स्कूल के प्रधानाचार्य श्री सुधीर गुरुरानी थे, और स्कूल में बच्चों की संख्या मात्र 100 के करीब
Whenever I go on a journey, I think, the destination is you or some illusion. I kept on growing in my journey, Sometimes sunlight, sometimes shade and sometimes rain. Keep reminding me that you are not with me. But I think about you..... Whenever I spend the night on the roads. So, I definitely leave a sign there that I don't have to pass through it again. And people would never know that, I think about you...... Whenever I passed through rocks, Don't know how many times you have thought of making yourself like them. unbroken, emotionless and hard, But this was my only thought because, I still think about you.. Whenever I sit by the river and think, The waves have only soaked the feet, but why did the water come out of the eyes, On this I think about your beautiful eyes, Your Luminous eyes, like this river is shining right now. I think about you Yes I still think about you........ https://www.yourquote.in/lucky-kunjwal-lcui/quotes
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